पिछले 2 सालों में कोरोना ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है और विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को इस महामारी की दोहरी मार झेलनी पड़ी है।
कई छात्रों को अपने देश वापस आने के लिए पहले विदेशी नियमों की कठिनाइयों से गुजरना पड़ा और फिर बाद में क्वारंटाइन के सख्त नियमों के तहत अपने देश वापस आना पड़ा। अपने बच्चे के लिए विदेश में पढ़ाई करना मुश्किल न हो, इसके लिए इन बातों का रखें ध्यान:
करें पूरी रिसर्च
जिस देश में बच्चा पढ़ने जा रहा है उस देश के रहनसहन के तौरतरीकों और नियमों के बारे में पूरी जानकारी जमा करें. इस के लिए सिर्फ गूगल के भरोसे न रहें बल्कि ऐसे किसी बच्चे से मिलने की कोशिश करें जो पहले वहां रह कर पढ़ाई कर चुका हो. वहां करंसी ऐक्सचेंज करने के क्या नियम हैं यह भी जरूर पता करें. जिस यूनिवर्सिटी में बच्चा पढ़ने जा रहा है वह रहने और खाने की क्या सुविधा देती है यह भी जानना जरूरी है. सब से जरूरी बात यह कि वहां का मौसम कैसा रहता है और आप के बच्चे को किसी खास मौसम से कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं, यह जानकारी भी रखें.
पेपर वर्क
पासपोर्ट के साथसाथ वे सभी पेपर्स संभाल कर रख लें जो आप को विदेश में पढ़ाई की अनुमति देते हैं. उस देश में अपना बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए जरूरी प्रूफ्स का पहले से पता कर लें और उन्हें भी संभाल कर रख लें. अपने हैल्थ इंश्योरैंस से जुड़े पेपर्स साथ रखें और यदि वे विदेश में मान्य नहीं हैं तो उन्हें कैसे अपडेट कराना है यह जानकारी भी आप को होनी चाहिए. एटीएम इत्यादि इंटरनैशनल ट्रांजैक्शन के लिए पहले ही मान्य करवा लें.
बैग पैक
आस्ट्रेलिया, अमेरिका, जरमनी और रूस जैसे देशों में विंटर सीजन भारत के विंटर सीजन से बिलकुल अलग होता है. यदि इन देशों में जा रहे हैं तो पहले से रिसर्च करने के बाद ही कपड़े तैयार करें. इलैक्ट्रौनिक उपकरणों को चार्ज करने वाले अडौप्टर इत्यादि के बारे में भी पता कर लें क्योंकि हर देश में स्विच पौइंट्स का पैटर्न अलगअलग होता है. जिस देश में जा रहे हैं वहां की ट्रैवल गाइड अपने साथ जरूर रखें.
विदेश में रहने की तैयारी
हर देश सांस्कृतिक रूप से अलग होता है. भाषा, पहनावा और कुछ नियम ऐसे होते हैं जिन्हें ले कर वहां के लोग सैंसिटिव होते हैं. सही रहेगा यदि आप उस देश की भाषा को सीख लें. हर देश में सिर्फ अंगरेजी बोलने से काम नहीं चलेगा. विदेश जाने से पहले अपने ट्रैवल डाक्टर से जरूरी दवाओं की प्रिस्क्रिप्शन जरूर ले लें. विदेश में रहना और आसान बनाना है तो वहां के इतिहास और राजनीति के बारे में भी थोड़ी जानकारी जमा कर लें.
विदेश पहुंचने पर
विदेश पहुंचने पर 24 घंटों के अंदर अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें. वैसे तो हर देश में इस के नियम अलग हैं, मगर यदि आप भारतीय दूतावास में अपना पंजीकरण करा लेंगे तो आगे आप को बहुत सुविधा होगी. बीते 2 सालों में कोरोना या रूसयूक्रेन युद्ध के चलते उन छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिन की जानकारी दूतावास के पास नहीं थी.
पढ़ाई भी कमाई भी
वैसे यह कल्चर भारत में कम देखने को मिलता है, लेकिन विदेशों में यह बहुत है. यदि आप का शिक्षण संस्थान अनुमति दे तो आप पढ़ने के साथसाथ कुछ पैसा भी कमा सकते हैं जो आप की आगे की पढ़ाई में काम आ सकता है. कुछ देशों में इस के लिए लोकल परमिशन लेनी पड़ती है तो कहीं वर्क परमिट की जरूरत होती है. ऐक्स्ट्रा पैसा रहेगा तो युद्ध और महामारी की स्थिति में आप के बेहद काम आएगा.
इंटरनैशनल स्टूडैंट आइडैंटिटी कार्ड
इस कार्ड के सफर के दौरान कई फायदे हैं. लोकल ट्रैवलिंग के साथसाथ कुछ शौपिंग सैंटर्स पर भी इस कार्ड से डिस्काउंट पा सकते हैं. इसे पाने के लिए आईएसआईसी की वैबसाइट विजिट करें. कुछ पू्रफ अपलोड करने के बाद यहां से इसे औनलाइन भी बनवाया जा सकता है. कुछ देशों में इस कार्ड का इस्तेमाल कर के आप फूडिंग और लौजिंग में भी डिस्काउंट पा सकते हैं.